आज सुबह एक लिफाफा आया ,
कुछ पुरानी पहचान की याद दे गया ,
खोला ,
एक कोरा कागज़ था ,
ऊपर मेरा नाम था ,
पूरा सफा बिना लिखा कुछ भी ,
नीचे एक नाम था ......
हलकेसे धुंधला सा चेहरा उभरा !!!!
पलक पर एक हलकी सी परत थी अश्क की .....
चुपकेसे फुसफुसाया और कहा ,
तुम्हे याद न करने इलज़ाम भी सर आँखों पर ,
क्योंकि तुम्हे भुला देने की खता ना कर पाए हम ....
ओज़ल आँखोंसे जो हो गए
पर दिलसे उसकी याद को ओज़ल ना कर पाए हम ........
मेरी आँखसे एक आंसू टपक गया ,
उसने अपने नाम पर धर लिया
अल्फाज़ जो लिखे थे फ़ैल गए कोरे सफे पर फिर से ,
उसमेसे मेरा नाम उभरा ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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एक कोरा कागज़ था,
जवाब देंहटाएंऊपर मेरा नाम था,
पूरा सफा बिना लिखा कुछ भी,
नीचे एक नाम था ..
हलकेसे धुंधला सा चेहरा उभरा !!!!....ye kuch khas lagi!!
Jai Ho Mangalmay HO
मेरी आँखसे एक आंसू टपक गया ,
जवाब देंहटाएंउसने अपने नाम पर धर लिया
kaya boloon......bas bemisaal...
मेरी आँखसे एक आंसू टपक गया ,
जवाब देंहटाएंउसने अपने नाम पर धर लिया
अल्फाज़ जो लिखे थे फ़ैल गए कोरे सफे पर फिर से ,
उसमेसे मेरा नाम उभरा ....
बहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना..बहुत सुन्दर