एक कोरे सफे पर कुछ एहसास बिखर जाए ,
दिल कहे कुछ खामोश निगाहें अफसाने बन जाए ,
झख्म कुछ पुराने फिर उभरते जाए ,
उसकी टीसमें फिर तुम्हारा नाम सुनते जाए ........
कहीं गुमशुदासी शाम दूज के चाँदसी मुस्कुरा जाए ,
उस मुस्कराहट लिए वो गुलाबकी पंखडियोंसे लब दिख जाए ,
घूँघटमें अधढका तुम्हारे चेहरे का चाँद ,
मेरे जीवन की हर सुबह रोशन कर जाए ....
तुम्हारे तसव्वुरकी तड़प लिए
पलक भी झपकना भूल चुकी हो जब ,
तुम्हारे क़दमोंकी आह्टभर से ,
मेरा बेजान बना दिल फिर से धड़क जाए .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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