13 फ़रवरी 2011

प्यार के नाम छोटी छोटी बात ....

उसके सलाममें मेरा नाम नहीं था ,
क्योंकि उसकी निगाहोंमें मेरी तलाश थी ,
उसकी बेकरारीमें मेरा इंतज़ार था ,
मायने तलाश रहे थे जिस शब्दको शायद वही प्यार था .....
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मिलनेसे जिसे लगे मेरी दुआ कुबूल हो गयी ,
दूर हो जब मुझसे तो लगे अंधेरोंसे जिंदगीको दोस्ती हो गयी ,
वो आये जिस पल लौटके तो लगे मेरी सुबह हो गयी ,
उनके साथमें बीते पल कहे मेरी जिंदगी आज जन्नतका नूर हो गयी .....
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प्यार के पढ़े अफसानोंमें कभी यकीं नहीं हुआ ,
कोई मेरे दिलके कभी करीब नहीं हुआ ,
बस क़यामत का वो पल एक दिन क्या हुआ !!!
लगा मेरे वीराने दिलको उससे प्यार हुआ .....

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
    http://charchamanch.uchcharan.com

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, प्रेमपूर्ण रचना। बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. उसके सलाममें मेरा नाम नहीं था ,
    क्योंकि उसकी निगाहोंमें मेरी तलाश थी ,
    उसकी बेकरारीमें मेरा इंतज़ार था ,
    मायने तलाश रहे थे जिस शब्दको शायद वही प्यार था .

    बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..बहुत सुन्दर..हर पंक्ति दिल को छू जाती है

    जवाब देंहटाएं

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