नज़रे मत झुकाओ
तुम्हारे नज़रकी आतिशकी
रौशनी बह जाने दो
मेरे दिल को उसका इंतज़ार ही है .....
==========================
खफा खफा से रहना
हसीनोकी आदत है ...
उन्हें क्या पता उनके रूठे रुखसार के
हम तो कायल है ....
=============================
कहाँ जाएँ मंजिल का पता नहीं मालूम
चल पड़े हम फिर भी
सोच कर यूँ की
कदम जहाँ पर रुकेंगे मंजिल वहीँ होगी .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
-
बंदिशें बनती है धूपमे भी कभी , सरगम बनकर बिछ जाता है धूप का हर टुकड़ा , उसके सूरसे नर्तन करते हुए किरणों के बाण आग चुभाते है नश्तरों के ...
-
एहसान या क़र्ज़ कहाँ होता है इस दुनिया में ??? ये तो रिश्तोंको जोड़े रखने का बहानाभर होता है .... बस मिट्टी के टीले पर बैठे हुए नापते है ...
sari post hi khoobsurat hai.....!! lakin mujhe sabse jyada prabhavit kiya ....
जवाब देंहटाएंनज़रे मत झुकाओ
तुम्हारे नज़रकी आतिशकी
रौशनी बह जाने दो
मेरे दिल को उसका इंतज़ार ही है .....
aapke blog ke naye look ....bahut achha lag raha hai ....!!
Jai Go Mangalmay Ho