19 अगस्त 2009

कभी ऐसे भी जिया करो .....

कसमसाने दो इस जिंदगी को अभी ,

दो पाटोंके बीच पीस जाने दो ...

घुटन सीनेमें होने दो और दिलकी लौ को जलने दो ,

बरबस हो जाने दो ,मजबूर हो जाने दो ......

अफ़सानोंसे भर जाते है सफे उसके

फ़िर भी हर अफ़साने अधूरेसे लगते है ...

टूटे टूटे से लगते है सारे किस्से

जबरन जुड़े हो जैसे ऐसे आभासी लगते है .......

साँस कुछ टूटी टूटी सी लिया करो

दो साँस के बीच एक पूरा का पूरा आसमान है ,

जिंदगीको पनपने की जगह शेष वहां ही है ,

दो किस्सोंके बीच पुलके नीचे जो दरिया बनकर बहती रही है ....

3 टिप्‍पणियां:

  1. जिंदगीको पनपने की जगह शेष वहां ही है ,

    दो किस्सोंके बीच पुलके नीचे जो दरिया बनकर बहती रही है
    लाजवाब अभिव्यक्ति है आभार्

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  2. its really fantastic !! i always luv to read ur poems wthr its hindi or guj !

    bravo !!

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