तोडी थी कल आपने एक चीज जो थी कांचकी,
टुकडे बिखर गये फर्श पर जिसके वह मेरा दिल था....
नश्तर चूभ गया और कतरा कतरा बह चला,
तुम्हारे नाजुक पांवमें खूं बनकर ,मेरी आंखमें अश्क बनकर.........
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तोडीये ना दिल किसीका कभी ,बडा ही नाजुक होता है,
दर्द से उठी चुभन काबिले बर्दाश्त नहीं होती...
जोडना फिर चाहे कितना भी उसे ,
एक दरार दरम्यां नजर आ जाती है............
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जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
12 जनवरी 2009
दरम्यां नज़र आती है .....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
bahut sundar rachna........isi tarah likhte rahen...
जवाब देंहटाएंसाँस लेते हुए एहसास, वाह!
जवाब देंहटाएं---मेरा पृष्ठ
गुलाबी कोंपलें
bahut khoob kaha aapne.........daraar nazar aati hai
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