वो हर रोज नाम बदलकर आता है ,
हर रोज खुद की पहचान बताता है ,
उसे शक है मेरी याददास्त पर या
मुझे पहचान नहीं पाता है ????
लेकिन उसे मेरा इंतज़ार रहता है हर सुबह ,
मेरी खिड़की के खुलने पर वो बेक़रार होता है ,
कोई जन्मोंका बंधन है ,
या बस एक आदत पाल ली है हम दोनोने ???
वो मेरी रौशनी है ,वो सूरज बनकर आता है ,
मेरी खिड़की खुले न खुले वो दस्तक जरूर दे जाता है …
आदत कभी कभी प्यार में तबदील हो जाती है ,
कभी प्यार की भी एक आदत सी पद जाती है ....
कभी आसमाँ में छुट्टी की दरख्वास्त लिख देती हूँ ,
कभी वो बादल में मुंह छुपाये मुझे चिढ़ाता है ....
एक खिड़की का इस आसमान से रिश्ता घना है !!!
खिड़की के अंदर की दुनिया महल होते भी छोटी है ,
वो किवाड़ों के पार एक अनंत आकाश है सपनोंका ....
हर रोज खुद की पहचान बताता है ,
उसे शक है मेरी याददास्त पर या
मुझे पहचान नहीं पाता है ????
लेकिन उसे मेरा इंतज़ार रहता है हर सुबह ,
मेरी खिड़की के खुलने पर वो बेक़रार होता है ,
कोई जन्मोंका बंधन है ,
या बस एक आदत पाल ली है हम दोनोने ???
वो मेरी रौशनी है ,वो सूरज बनकर आता है ,
मेरी खिड़की खुले न खुले वो दस्तक जरूर दे जाता है …
आदत कभी कभी प्यार में तबदील हो जाती है ,
कभी प्यार की भी एक आदत सी पद जाती है ....
कभी आसमाँ में छुट्टी की दरख्वास्त लिख देती हूँ ,
कभी वो बादल में मुंह छुपाये मुझे चिढ़ाता है ....
एक खिड़की का इस आसमान से रिश्ता घना है !!!
खिड़की के अंदर की दुनिया महल होते भी छोटी है ,
वो किवाड़ों के पार एक अनंत आकाश है सपनोंका ....
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