सड़कके किनारे प्लास्टिकका तिरंगा बेच रहा है बचपन ..
पूछा उसे तो कहा इसे बेचकर शामको माँ की दवाई आएगी ......
ये है पंद्रह अगस्त ....
सात सितारा होटलमें एक बड़ी सी दावत है
देश के सभी नेता,अभिनेता ,उद्योगपति आमंत्रित है,
ये है पंद्रह अगस्त .....
आज दफ्तरमें छुट्टी है , काम पर नहीं जाना है ,
चलो नयी फिल्म देखकर बाहर डिनर पर जाना है ,
ये पंद्रह अगस्त है ....
स्कुलके मैदानमें ध्वजवंदनका कार्यक्रम है ,
कुछ रंगारंग प्रोग्राम भी है ,आज स्कुलमें न पढना है ,
ये पंद्रह अगस्त है .....
सुस्ताती सड़कें और मौन माहोल है आज ,
सिर्फ राजनेता ,स्कुल और सरकारी दफ्तरमें चहल पहल है ,
ये पंद्रह अगस्त है ........
कुछ सड़के फूटपाथ है जहाँ बसने वाले केलेंडरके मोहताज कहाँ ??
बस उठकर काम पर जायेंगे तो पेट शाम भर पाएंगे ,
बस इसी फ़िक्रमें उनकी उम्र कट जाती है ...
ये पंद्रह अगस्त है .....
भाकरा नांगल डेमके साथ सरदार सरोवर खड़ा है ,
नर्मदाका नीर साबरमतीमें बहा है ,
बड़े बड़े जले एक्सप्रेस हाई वे से ये देशके गाँव शहर जुड़ गए है ,
और आकाश का ट्राफिक भी बढ़ा है ,
जाडू बुहारने वाला भी मोबाइल पर बतियाता है ,
छोटा बच्चा भी मुफ्तमें पढ़ लिख पाता है गरीबका भी ,
तरक्की का माहोल है भ्रष्टाचारके कीचड़के बीच भी ,
बस बम धमाकोसे हर इंसान डरता रहता है ...
जिंदगी पनप रही है डरके आँचल तले भी ....
ये भारत तब पैंसठ साल का युवा कहलाता है ....
आज जन्मदिन है जिसका वो भारत कहलाता है ...
जो पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिन है .............
पूछा उसे तो कहा इसे बेचकर शामको माँ की दवाई आएगी ......
ये है पंद्रह अगस्त ....
सात सितारा होटलमें एक बड़ी सी दावत है
देश के सभी नेता,अभिनेता ,उद्योगपति आमंत्रित है,
ये है पंद्रह अगस्त .....
आज दफ्तरमें छुट्टी है , काम पर नहीं जाना है ,
चलो नयी फिल्म देखकर बाहर डिनर पर जाना है ,
ये पंद्रह अगस्त है ....
स्कुलके मैदानमें ध्वजवंदनका कार्यक्रम है ,
कुछ रंगारंग प्रोग्राम भी है ,आज स्कुलमें न पढना है ,
ये पंद्रह अगस्त है .....
सुस्ताती सड़कें और मौन माहोल है आज ,
सिर्फ राजनेता ,स्कुल और सरकारी दफ्तरमें चहल पहल है ,
ये पंद्रह अगस्त है ........
कुछ सड़के फूटपाथ है जहाँ बसने वाले केलेंडरके मोहताज कहाँ ??
बस उठकर काम पर जायेंगे तो पेट शाम भर पाएंगे ,
बस इसी फ़िक्रमें उनकी उम्र कट जाती है ...
ये पंद्रह अगस्त है .....
भाकरा नांगल डेमके साथ सरदार सरोवर खड़ा है ,
नर्मदाका नीर साबरमतीमें बहा है ,
बड़े बड़े जले एक्सप्रेस हाई वे से ये देशके गाँव शहर जुड़ गए है ,
और आकाश का ट्राफिक भी बढ़ा है ,
जाडू बुहारने वाला भी मोबाइल पर बतियाता है ,
छोटा बच्चा भी मुफ्तमें पढ़ लिख पाता है गरीबका भी ,
तरक्की का माहोल है भ्रष्टाचारके कीचड़के बीच भी ,
बस बम धमाकोसे हर इंसान डरता रहता है ...
जिंदगी पनप रही है डरके आँचल तले भी ....
ये भारत तब पैंसठ साल का युवा कहलाता है ....
आज जन्मदिन है जिसका वो भारत कहलाता है ...
जो पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिन है .............
बहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
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