21 फ़रवरी 2012

फिर कोई रोशनीसे दामन भर गया


एक दिन बुरा सपना बनकर आता है ,
तो रातको फिर कोई ख्वाबोंको टटोलता है ...
ख्वाब कहते है दिनको भूल जा बुरे ख्वाबकी तरह ,
चल मैं जीना सिखा दूँ तुझे एक हकीकत बनकर .....
========================================
मायूसीके घेरे भी कभी बनते है करीबीका कारण,
कोई तब  आकर पूछता है कैसा है दोस्त हाल तेरा ????
========================================
यारी निभानेके लिए कोई वादा जरुरी नहीं ,
हो सके तो यारके लिए जीनेकी वजह बनकर देखो .......
========================================
एक छंटता हुआ बादल पीछेसे सूरज छोड़ गया ,
देखो अँधेरेको चीरकर फिर कोई रोशनीसे दामन भर गया .....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...