देखो सार्वभौमत्व हमने जो पाया है ,
हमें स्वतन्त्र जीवन जिनका अधिकार संविधानने दिलाया है ,
आज वैयक्तिक आय का आंकड़ा पैंतालिस हजार के पार है ,
आम आदमी की पहुँचमें भी फ्लेट ,नौकरी और कार है ....
छोटे से गाँवमें भी अब बिजली और शिक्षणका स्थान है ,
फिर भी हर विकाससे जुडी हुई दूषणकी भी भरमार है ..
जुड़ा है इंसान आज दुनियाके हर कोनेसे ,
दुनियाभरके बाज़ारकी नज़र भी भारतकी और मुड़ी है ...
बजाता है आम आदमी महेंगाई और भ्रष्टाचारकी बिन
पर आज जरा खुदसे भी पूछ
तुने कितनी निभाई है देशके प्रति जिम्मेदारी वो भी तो गिन !!!
बिना कर्तव्य निभाए हक्क पा लेनेकी ये महामारी है ,
सब कुछ मिलने पर भी कुछ न देनेकी ये कैसी लाचारी है ???????
उम्दा रचना ………… सभी को गणतन्त्र दिवस पर हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएं.गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ....................
जवाब देंहटाएं