लौटोगे कब ???
ये कहना है ...पर अभी अलविदा भी ना कहा मैंने ???
बस ऐसे ही तुम्हारा जाना तो अच्छा है ,
पर जिंदगीके कुछ पल मेरे अज़ीज़
बस शुन्यवाकाशमें चले जायेंगे ....
बस वहां पर आप हमें सबसे ज्यादा याद आएंगे !!!!!
यादोंका सिलसिला एक बार फिर चल पड़ेगा ....
बस यूँही तुम्हारे लौटने का इंतज़ार होगा ...
और तुम आ जाओगे तो मुझे पता भी नहीं चलेगा
तुम मेरे सामने मेरे पास होगे
और मैं अभी भी तुम्हारे खयालोमें ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
सपने हैं तो इंतज़ार भी है।
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