कल का मेच !!!!!
सलाम इंडिया .....
वो ग्यारह थे ,
पर उनके साथ और एक अबज और दस करोड़ थे .......
जूनून मैदानके अन्दरसे ज्यादा मैदानके बाहर था ....
जूनून मोहालीकी सरहदोंके पार सारे देशमें था ....
कल देशके लिए दीवाली थी ,
पटाखें रात सजाकर चली गई ,
और आँखोंसे नींद चुराकर चली गयी ,
भारत देश को क्रिकेट धर्मसे जोड़ कर चला गया .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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