2 फ़रवरी 2011

काशश...श ...काश ...

मुझे आपकी बहुत चाहत थी ,
आप मेरे लिए बहुत कुछ थे ,
आप मेरी जिंदगी के कुछ बेहतरीन लम्हे बनकर आये थे ,
मैंने बहुत सुकूनके पल भी पाए थे ,
पर हम ये आपसे कह ना पाए ,
ये सोचा वक्त आने पर कह देंगे ....
पर ये हो ना सका ...
पर ये हो ना सका ,क्योंकि ...
वक्त हमसे तेज निकला ...
उसकी रफ़्तारके साथ हम चल ना पाए ,
वक्त के साथ आप हमारा साथ और फानी दुनिया छोड़ गए ,
अब दिल में वो अल्फाज़ आज घुट कर रह गए है ,
अन्दर ही अन्दर एक अफ़सोस लिए ,
काश हम कह देते ...काश हम कह पाते .....

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