1 नवंबर 2010

शिकवा शिकायत ..

शिकायत है आपको
हम कुछ बोलते नहीं
खामोश रहते है ...
मिलते है तो सिर्फ सुनते है .....
पर ये शिकायत आपकी जायज नहीं ....
हमारे बिन कहे आप सब तो समज जाते है ....
हमें कुछ कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती ....
ये जहाँ हमारी कही बात ना समज सका अब तक ,
एक आप ही तो है जो हमारा दिल पढ़ लेते है ,
हमारे अरमान बिन कहे सुन लेते है ....
बस ये अदा ...बस यूँही खाली शिकवा ????

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