आज पूनमके चाँदको भी रात का इंतज़ार होगा ,
धरतीसे मिलने उसका दिल भी बेकरार होगा ...
तारोंकी बारात भी क्या खूब सजाकर लायेगा ,
सफ़ेद दूधकी धारामें नहाकर आता होगा ,
अपने पुरे रूपमें क्या वो दाग सजाता होगा ?
या उसकी माँ ने भी उसे नज़र का टिका लगाया होगा ????
आज छत पर लेटे लेटे देर तक तेरी चांदनी को पी लेंगे ,
धुपमें तपती रही इस रूहको शीतलता की चादर ओढा देंगे .......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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वाह! बहुत ही नेक ख्याल्……………सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंchand kee tareef me maja aagaya
जवाब देंहटाएंमाने भी उसे नज़र का टिका = माँ ने भी उसे नज़र का टीका
जवाब देंहटाएं-बहुत सुन्दर.
सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
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