कल चाँदने सिफारिश की तुम्हारी मुझसे
कहा ये लो थोड़े सितारे और लिख दो ग़ज़ल
मुझे कागज़ बना लो लिख दो मुझ पर एक पैगाम ,
महबूबा पढ़ लेगी जिसने तुम्हारे इंतज़ारमें आँखें बिछा दी है ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
13 अक्तूबर 2010
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