एक उजलीसी किरन हंस पड़ी
खिल गयी एक कली उसे देख ,
बस भंवरे को इंतज़ार था उसके खिलनेका ,
एक फूल से भौरां उड़कर गाने लगा एक तराना ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
8 अक्तूबर 2010
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