8 अक्तूबर 2010

एक सुबह

एक उजलीसी किरन हंस पड़ी
खिल गयी एक कली उसे देख ,
बस भंवरे को इंतज़ार था उसके खिलनेका ,
एक फूल से भौरां उड़कर गाने लगा एक तराना ....

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