दीवारोंके छेदसे जो किरणे आया करती थी ,
अंदाज वो दे जाया करती थी ,
चलो एक आगाज़ भी दिन का हो जाये
पर आज वो नहीं आई मुझे जगाने ,
चुपकेसे उसने पैगाम भेजा पहली बारिशकी धारा भेजकर ,
आजा तु भी नहा ले आज जी भरके गले मिलकर ...
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
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