बस चुपचाप उठते कदमकी एक आह्ट
गर्दके कुछ जर्रे को पांवोके नीचे थाम
छाँव देती चली गयी थी उसे बिना कोई गिला
पैरोंके छालो को ढंककर उसने भी हमदर्द का वादा निभा दिया ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
"उसने भी हमदर्द का वादा निभा दिया ...."
जवाब देंहटाएंखुशनसीब हैं वो अन्यथा आजकल ऐसा बहुत देखने को मिलता है
waah bahut khoob...
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