13 सितंबर 2009

इंच ,सेंटीमीटर ,किलोमीटर ....

तराजूको देखकर ये ख्याल आता है ,

सब कुछ नाप तोलकर ही क्यों ?

देखती हूँ जब बड़े लोगोंका हुजूम

जो पार्टीके नाम से है जाना जाता ,

नपीतुली आवाज़, और अल्फाज़में होती है बात ,

ग्रूमिंगके नाप पर मुस्कान को भी इंच सेंटीमीटरमें बाँधा है ....

नाप तोल कर जिस्म को भी रखे ,

वजनको भी नाप तोल कर रखो .....

कपड़ेभी फिटिंगमें होना चाहिए .......

और क्या एहसास भी नापतोल को दिखाओ ........

मैयतमें काले चश्मे लगाकर जाओ ,

आंसू को भी नाप तोल कर बहाओ .....

ये स्वार्थकी पट्टी जो हर घर द्वार पर आ गई है ,

स्क्वेर फीट पर घर बनते है और रिश्ते भी रुपये को तोल कर होते है ....

पर ये प्रभु भी बड़ा निराला है ,

जीवन की लम्बाई को कभी अपने हाथ से कहीं और ना डाला है .....

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