न कभी गिला करेंगे न शिकवा ,बस मोहब्बत है जिससे उसे जताना भी क्यों ?
एक गीला सा एहसास है बस ये दिल को बरबस भीग जाने का बहाना मिल गया कोई !!=========================================================
तराशना था जिंदगी को संगेमरमर सा , तपिश ने उसे सुलगा सा दिया है ,
और निखरसी गई जब आपके स्पर्शसे तराश दिया गया इस पत्थर को ,
पत्थर पर आ गई बहार फूल और बेले बनकर ,दुनिया सराहती गई उसे भी ,
नजरों को तलाश है उन हाथों की जिसकी निगाहों से आज दुनिया मुझे देख रही .....
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बधाई व शुभकामनाएं
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