मुफलिसीके लिबासमें दौलत मुझे मिलने आई ,
उसे मैंने लौटा दिया ,मुझे अपनी मुफलिसी ही रास आई .........
==========================================
ये आप क्या कर बैठे ? मेरे दिलके आयनेको चूर चूर कर दिया ?
अब देखो जाकर हर टुकड़ेमें आपका ही अक्स उभरा है ......
==========================================
उस नाजुकसी डालीको कोमल स्पर्शसे सहला भी लूँ ,
नई कोंपलने बाहर आते वक्त उसका जिस्म चिर दिया है .....
हर एक शेर बेहतरीन है ....बेहद खूबसूरत
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
ये आप क्या कर बैठे ? मेरे दिलके आयनेको चूर चूर कर दिया ?
जवाब देंहटाएंअब देखो जाकर हर टुकड़ेमें आपका ही अक्स उभरा है
==========================================
उस नाजुकसी डालीको कोमल स्पर्शसे सहला भी लूँ ,
नई कोंपलने बाहर आते वक्त उसका जिस्म चिर दिया है .
------------
waah behtreen sher kahen hain aapne...bahut hi achaa..!!
उस नाजुकसी डालीको कोमल स्पर्शसे सहला भी लूँ ,
जवाब देंहटाएंनई कोंपलने बाहर आते वक्त उसका जिस्म चिर दिया है .....
bahut marmik sher,aki bhi bahut achhe lage.badhai
ये आप क्या कर बैठे ? मेरे दिलके आयनेको चूर चूर कर दिया ?
जवाब देंहटाएंअब देखो जाकर हर टुकड़ेमें आपका ही अक्स उभरा है ......
............बहुत सुंदर।
आपको और आपके पुरे परिवार को वैशाखी की हार्दिक शुभ कामना !
जवाब देंहटाएंkya baat kahi hai aapne bahot hi khubsurati se likha hai aapne...bahot bahot badhaayee iske liye...
जवाब देंहटाएंarsh