आज सुबहमें उठते हुए एक प्यारी सी अंगडाई ली थी ,
चुनरको हटाते हुए रातने धीरे धीरे आँख खोली थी .....
नींदमें ऐसे लगा जैसे किसीने ख्वाबोंमें जगाया था ,
यादोंको सुबहकी लालीने आँखोंमें सुरमेसा सजाया था .....
उड़ते हुए पंछीमें से एक आकर हमारी खिड़कीमें बैठा ,
फ़िर एक प्यारा सा संदेसा हमें सुनाया था .........
जागकर देख लो जरा सूरज फ़िर निकल आया है ,
देखो आज तुम्हारे लिए कितने सारे तोहफे लाया है ..!!!!
sunder rachana
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