14 फ़रवरी 2009

क्या यही प्यार है ???

आज सुबहकी चाय के कपमें चाय की जगह चिठ्ठी पायी ,

आज इस कपमें प्यार भरा है आज इसे जी भर के पी लो ....

नाश्ते की डिशमें चिठ्ठी ही पायी लिखा ये था ,

प्यार तो महसूस करने की दास्ताँ है ये दिखेगी नहीं ......

लंच बॉक्स लेकर ऑफिस रवाना हुआ ,

वहां भी दोपहर को हर डिब्बेमें चिठ्ठी का पाना हुआ ,

यहाँ प्यार रूप बदल कर मौजूद रहा ,

लाल हरी पिली चिठ्ठी में रंग और स्वाद मिला रहा ...,

आधे दिन की छुट्टी थी घर आया तो ताला था ,

खोलकर दरवाजा अन्दर गया तो डाइनिंग टेबल केसेरोल से सजा था ,

इतना स्वादिष्ट खाना पहले कभी नही लगा क्योंकि ये प्यारकी गार्निश थी ,

पानी के ग्लास के नीचे दो सिनेमा की टिकेट थी ....

हँसता हुआ मैं तैयार होकर रवाना हुआ ,

वहां पर मेरी हमसफ़र हमनवा खड़ी थी बाहर ,

पहनकर मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा साड़ी ...

दोनोने हाथमें हाथ डालकर हॉलमें एंट्री ले ली .....

और फ़िर देखी भी क्या ये सिनेमा ,

नाम था जिसका रब ने बना दी जोड़ी ..........

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर, प्रेम दिवस की शुभकामनाएं

    ---
    गुलाबी कोंपलें

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  2. waah bahut sundar ,pyar kajobhi lamha saath rahe wahi khubsurat

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  3. सच है.जब प्यार जीवन में आता है तो हर लम्हा ,हर चीज़ उसी में ओत प्रोत मिलती है .

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  4. Well Nice combination of LOVE- Tea-Breakfast- lunch- Dinar overall i love tht kind of love time table....


    Keep rocking .....Happy valentine day.....

    Jai Ho Mangalmay Ho...

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  5. bahut sundar..........pyar kabhi bhi ho aur kabhi bhi mile kaise bhi jee lena chahiye uske har ras ko pi lena chahiye.

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