सुरमई शाम पिघल रही थी धीरे धीरे ...
अंगडाई लेती रात बढ़ने लगी थी धीरे धीरे ...
और फ़िर शमा रोशन हो चली थी धीरे धीरे ...
और एक आरजू मचल चली थी चाँद को छूने की धीरे धीरे .....
उगते सूरजको पिघलाती रही थी एक आह धीरे धीरे ...
सूरजकी आगको पीती रही थी वो दिलरुबा धीरे धीरे ...
आग आफताबकी बर्फसी जमने लगी तन्हाईमें धीरे धीरे ...
ख्वाबमें तुमसे मिलने के लिए पलक बंद हो गई तब धीरे धीरे .....
फिराक का सफर यूँ तो कट रहा था तेरी यादमें धीरे धीरे ...
तुम्हारी यादोंसे भी प्यार हो रहा था अब धीरे धीरे ...
तुम्हारा इंतज़ार भी ख़त्म होना था एक दिन धीरे धीरे ....
तुम्हारी बेवफाई का ये झख्मभी भर जायेगा वक्त के साथ धीरे धीरे ....
अंगडाई लेती रात बढ़ने लगी थी धीरे धीरे ...
और फ़िर शमा रोशन हो चली थी धीरे धीरे ...
और एक आरजू मचल चली थी चाँद को छूने की धीरे धीरे .....
उगते सूरजको पिघलाती रही थी एक आह धीरे धीरे ...
सूरजकी आगको पीती रही थी वो दिलरुबा धीरे धीरे ...
आग आफताबकी बर्फसी जमने लगी तन्हाईमें धीरे धीरे ...
ख्वाबमें तुमसे मिलने के लिए पलक बंद हो गई तब धीरे धीरे .....
फिराक का सफर यूँ तो कट रहा था तेरी यादमें धीरे धीरे ...
तुम्हारी यादोंसे भी प्यार हो रहा था अब धीरे धीरे ...
तुम्हारा इंतज़ार भी ख़त्म होना था एक दिन धीरे धीरे ....
तुम्हारी बेवफाई का ये झख्मभी भर जायेगा वक्त के साथ धीरे धीरे ....
सुरमई शाम पिघल रही थी धीरे धीरे ...
जवाब देंहटाएंअंगडाई लेती रात बढ़ने लगी थी धीरे धीरे ...
और फ़िर शमा रोशन हो चली थी धीरे धीरे ...
और एक आरजू मचल चली थी चाँद को छूने की धीरे धीरे .....
bahut sundar
सुरमई शाम पिघल रही थी धीरे धीरे ...
जवाब देंहटाएंअंगडाई लेती रात बढ़ने लगी थी धीरे धीरे ...
और फ़िर शमा रोशन हो चली थी धीरे धीरे ...
और एक आरजू मचल चली थी चाँद को छूने की धीरे धीरे .....
-ओह्ह!! वाह्ह!!! वाह! सुन्दर-कोमल!
दिल को छू गयी धीरे धीरे !!!!!!!!!!!
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