कत्ल करते हो और कहते हो मुज़रिम नहीं ?
एक अदा होश उड़ने के लिए काफ़ी है और कहते हो ये साजिश नहीं..............
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वक्त नहीं रुका है कभी ,
ना कभी रुकेगा किसीके लिए ..
दिल रह गया था उस मोड़ पर ,
जहाँ कभी आप छोड़ गए थे ....
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सुना था हमने बहते वक्त के साथ रिश्ते पकते है ,
लेकिन हमने महसूस किया वक्त के साथ रिश्ते थकते है ,
जब एक खुबसूरत मोड़ पर जाकर ये रिश्ते रुकते है ,
बिना कुछ बोले रुकते ये रिश्ते कभी कभी जचते है ....
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