कल से आगे ............
बस ये एक बात है जो आजके जेट युग में हर व्यक्तिको सोचने की खास जरूरत है .हम पूरी दुनिया के बारेमे जानने का दावा करते है पर क्या हम ख़ुद को बराबर जान पाये है ?कभी ये कोशिश भी की है ?
चलो आज कुछ बिल्कुल सीधे सादे इन सवालों को अपने आप से पूछे .इसे रेपिड फायर राउंड बनाये .ध्यान रहे जिस पल ये सवाल ख़त्म हो तुरंत ही जवाब मनमे आ जाना चाहिए ,एक सेकंड भी ना छूटे बिचमे ......
१.मुझे कौनसा फूल पसंद है ?
२.मैं कौनसी चीज सबसे अच्छी कर सकती /सकता हूँ ?
३.मुझे कौनसा रंग पसंद है ?
४.मैं क्या नहीं कर सकती/सकता हूँ ?
५.मैं किस बात से बेहद खुश होता /होती हूँ ?
६.मुझे क्या करना कभी पसंद नहीं होगा ?
७.मुझे किस बातसे बेहद गुस्सा आता है ?
८.मेरी जिंदगी का मकसद क्या है ?मैं जिंदगी से क्या चाहता हूँ ?
९.क्या मैं अपने आपको पूरी तरह से सही मायने में जानता /जानती हूँ ?
जवाब आपने ख़ुद को देने है । पर मेरे कहने का मतलब इतना है की ये छोटी सी लगने वाली बातें आप ठीक तरहसे सोच सकते हो ,समज पाते हो ,और हो सके तो उसका अनुसरण भी करते हो तो आप की सोच धीरे धीरे ही सही पर एक सही दिशा में जायेगी .और इस तरह सही दिशामे सही वक्त पर कदम रखते है तो असफलता का विकल्प बहुत ही कम आएगा आपके सामने .आप सफलता को तो पा ही सकते है पर अगर कभी असफल होते है तो भी आप जल्द ही अपने आप को संभाल कर जल्दी आगे बढ़ सकते है ,निराशा से उबार सकते है ....
और यदि एक बार हम अपने आपको समज लें तो फ़िर दूसरी व्यक्ति को भी समजने में आसानी हो जाती है .और ग़लतफहमी भी कम ही होती है ।
इसके साथ दूसरी एक चीज़ भी समजानी बेहद जरूरी है :
क्या आपकी सोच किसी व्यक्ति विशेष ,कोई अन्य चीज जैसे की टी वि ,अखबार ,नोवेल ,लेखक की विचारधारा से प्रभावित है या स्वतन्त्र है ?
अगर आप ज्यादातर स्वतन्त्र सोचते है तो ठीक है ।
पर अगर हमेशा किसीसे प्रभावित होकर चलते है तो पहले अपनी सोचको स्वतंत्र बनाओ .भले मामूली हो पर ख़ुद की हो ऐसी सोच हो ,मामूली सा ही सही पर अपना स्वतन्त्र व्यक्तिव हो ये जरूरी है ।
आज का मूल सवाल अब आता है :
इस दुनिया में औरतका एक स्वतंत्र व्यक्तित्व की तरह स्वीकार कितने लोग कर पाये है ? हम में से ही !!!! आपको ये जान कर जरा भी ताज्जुब नहीं होना चाहिए की इस बात से ज्यादातर औरतें कभी नहीं सोच पाती है ...क्यों ?
...........................................चर्चा जारी रहेगी ..अगले प्रकरण तक इंतज़ार ...!!!
बहुत सही..बहुत अच्छा लगा आपका ये दृष्टिकोण .....
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