12 दिसंबर 2008

फ़ना होना कहते हैं इसे ...!!!!!!!!!!!

हमें यूं ही जिन्दगी मिली हंसके हरदम क्यों ?
राझकी बात ये है कि मौतसे हम डर नहीं कभी.
मौतका खौफ जबसे उखाड फेंका है दिलसे हमने ,
जिन्दगी हमें हरदम खिली खिली भीगी भीगी मिली है...............
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फना होना कहते है किसे ये हमें मालूम न था,
हमारे सदके तुमने जान भी कर दी.
न उफ किया.....न ही अश्क ही बहाये आंखोसे....
डोली उठी हमारी कि बेजान जिस्म तुम्हारा पडा पाया इस सरजमीं पर............

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