घर लौटे तो लड़के ने ही बोला की मैंने इसे एक सप्ताह का समय दिया है सोचने के लिए . और उसके बाद ही जवाब देना . माँ के चहेरे पर चिंता की लकीरें थी . लड़का मुझसे काफी बड़ा था . और एक पत्नी बनने के बाद घर की जिम्मेदारीके साथ कॅरियर में ऊंचाई को छूना मुश्किल तो बन ही जाता है . मुझे दीदी के कर्म की सजा मिलनी थी . और लड़की के जन्म की सजा भी भुगतनी थी ये शादी करने के बाद . मैं जानती थी की शुरुआत में तो सब अच्छे से ही पेश आते है पर मेरे शौक के कारण घर पर देरी से लौटना , पुरुषों के साथ व्यावसायिक संपर्क में रहना एक पुरुष के इगो को बहुत समय तक रास नहीं आ सकता . फिर खानदान की इज्जत को बीच में लाया जाता है ,और संतान को जन्म तो औरत के जन्म को पूर्ण करने के लिए देना ही पड़ता है .
सोच विचार में आज छः दिन तो चले गए . कल जवाब देना था और पापा तो हाँ ही बोलने वाले थे .
शाम को कॉलेज से लौटते वक्त मेरा एक्सिडंट हो गया एक ट्रक से टकराई . मेरे दांये पैर में चोट आई और मुझे हॉस्पिटल में दाखिल कराना पड़ा . मैंने भगवान का शुक्रिया किया की बात टली . पापा ने उस लड़के को फोन करके हकीकत बताई . एक सप्ताह के बाद जब मैं लौटी तो मुझे पूर्ण तरीके से ठीक होने के लिए लकड़ी के सहारे एक साल तक चलने की हिदायत दी गयी थी . मैं बेहद खुश हुई . इस के अलावा दूसरी कोई प्रॉब्लम नहीं थी . मेरी माँ ने इस दौरान पापा को समजाया की आपके इस फैसले के कारण मेरी ऐसी हालत हो गयी . पापा का रुख थोड़ा नर्म हुआ . दादी ने तो उस लड़के के कदम को ही गलत ठहराया … बदशगुनी करार दिया .
एक हफ्ते बाद वो रियालिटी शो की शुरुआत होनी थी .
रात मैंने पापा से कहा : पापा , मैंने संगीत की इतनी आराधना की है और वो शो एक हफ्ते में शुरू होना है . एक साल तक तो शादी होने से रही . तो फिर मुझे जाने दो न !!! वहां तो स्पर्धकों का पूरा ख्याल रखा जाता है . अच्छे होटल्स में ठहराया जाता है . मुझे जाने की इजाजत दोगे तो मैं ताउम्र आपकी शुक्रगुजार रहूंगी .
पापा कुछ नहीं बोले . उठकर अपने कमरे में चले गए .
सोच विचार में आज छः दिन तो चले गए . कल जवाब देना था और पापा तो हाँ ही बोलने वाले थे .
शाम को कॉलेज से लौटते वक्त मेरा एक्सिडंट हो गया एक ट्रक से टकराई . मेरे दांये पैर में चोट आई और मुझे हॉस्पिटल में दाखिल कराना पड़ा . मैंने भगवान का शुक्रिया किया की बात टली . पापा ने उस लड़के को फोन करके हकीकत बताई . एक सप्ताह के बाद जब मैं लौटी तो मुझे पूर्ण तरीके से ठीक होने के लिए लकड़ी के सहारे एक साल तक चलने की हिदायत दी गयी थी . मैं बेहद खुश हुई . इस के अलावा दूसरी कोई प्रॉब्लम नहीं थी . मेरी माँ ने इस दौरान पापा को समजाया की आपके इस फैसले के कारण मेरी ऐसी हालत हो गयी . पापा का रुख थोड़ा नर्म हुआ . दादी ने तो उस लड़के के कदम को ही गलत ठहराया … बदशगुनी करार दिया .
एक हफ्ते बाद वो रियालिटी शो की शुरुआत होनी थी .
रात मैंने पापा से कहा : पापा , मैंने संगीत की इतनी आराधना की है और वो शो एक हफ्ते में शुरू होना है . एक साल तक तो शादी होने से रही . तो फिर मुझे जाने दो न !!! वहां तो स्पर्धकों का पूरा ख्याल रखा जाता है . अच्छे होटल्स में ठहराया जाता है . मुझे जाने की इजाजत दोगे तो मैं ताउम्र आपकी शुक्रगुजार रहूंगी .
पापा कुछ नहीं बोले . उठकर अपने कमरे में चले गए .
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