19 अप्रैल 2012

चलो आज कुछ तूफानी करते है ..

चलो आज कुछ तूफानी करते है ,
आज थोडा मूड भी अपना बदलते है ....
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ये दिलके टुकड़े हज़ार हुए कोई यहाँ गिरा कोई वहां गिरा ,
तभी सोचु ये शहर क्यों ऐसे अचानक गन्दासा हुआ ????
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हुस्न हाज़िर है मोहब्बतकी सजा पाने को
 कोई पत्थरसे न मारे मेरे दीवाने को ....
तो चलो आज इसकी शादी उसके दीवानेसे ही करवा दे ,
मोहब्बतको समजने के लिए जनमटीपही लगवा देते है ..
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हर किसीको नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगीमें ,
क्या करे बहुत ही विकल्प अवेलेबल है अब तो फेसबुकमें !!...
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तुमको देखा तो ये ख्याल आया ,जिंदगी धुप तुम घना साया ,
ये विचार मैंने हमेशा आँगनके नीमके पेड़ को देखकर ही किया है ...

3 टिप्‍पणियां:

  1. प्रीति आपकी कविता http://www.facebook.com/dr.seemaaaaaaaaaaaa पर डाली गयी है ,जिसमे आपका कोई सन्दर्भ नहीं दिया गया ,मेरी निगाह में इसे चोरी कहते हैं

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    उत्तर
    1. thnx...aapko ...maine ye link dekhi ...par face book par koi rasta hi nahin chori rokne ka ...vaise maine dekha usi din maine bhi status rakha hi tha ...vo thoda badal kar inhone rakha hai ...meri kai gujarati rachnayen bhi maine dekhi hai ..par main face book par bahut kam rahti hun is liye pata nahin chal sakta ....
      bas ye hi soch sakti hun log rachna chura sakte hai par meri soch nahin ...

      हटाएं
  2. चलो आज कुछ तूफानी करते है ,
    आज थोडा मूड भी अपना बदलते है

    जवाब देंहटाएं

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