खुशबू को कैद करके एक बोतलमें
फूलोंको तडपता छोड़ दिया क्यों ?
वो फूलोंकी लाश पर देखो
इन्सानोके काफिले जा रहे है !!!!
================================
धूपका कोना नज़र आता है
एक गहरी काली रातमे
जो दिनका महोरा पहेनकर आया था
जब बुझ गयी शमा तो ख्याल आया
=================================
क़दमोंके निशानमें एक शक्ल नज़र आई
पुराने संदूकमें जैसे ताज़ातरीन नज़्म लिखी नज़र आई
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें