ठोकर खाते हुए राहोंमें हमें संभलना आया ,
लड़खड़ाते कदमोसे भी उठकर चलना आया ,
बस बेबसीको दरकनार किया हमने कुछ ऐसे ,
हमें बिन माजीकी नाव को भी मजधारसे पार लगाना आया ........
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
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