बंधनसे आज़ादी का सफ़र .....
रक्षा बंधन से देशकी आज़ादी तक का सफ़र ......
रक्षा चाहिए हम देशवासियोंको ....
किससे
रक्षा करता है हमारी कौन ????
घरकी देहलीज़ से बाहर कदम रखते वक्त पता नहीं
हम लौटेंगे या नहीं ?????
इन सोच से रक्षा और आज़ादी जिन्होंने हमारे लिए ये परिस्थिति पैदा की है .....
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