आयनेसे बहते पानी के नीचे दीखते हुए
वो छोटे छोटे कंकर ,
कितने शांतिसे बैठे है ?
जैसे ध्यानमें बैठे योगी ....
रंग सिमटकर पथ्थरो पर बिखरे हुए ,
हमेशा धुलते हुए ,
हमेशा साफ़ ,
हमेशा पाक ,
कुछ सीपियोंको छुपाये ,
कुछ शंख को बजाते ,
बैठे हुए ऐसे ,
दुनियादारी की कोई चिंता ही ना हो जैसे .........
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें