कभी ये सोचा ना था
ये साया भी हमसे जुदा होगा ,
जुदा होकर साए से जाना
बिना उसके हमारा हस्र क्या होगा .....
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तुम्हारे साये से लिपटकर हम बरबस रोते क्यों रहे ?
तुम्हारा साया बेवफा ना होगा ये आस रहती होगी .....
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हमारी ख़ामोशी को मत कोसो यूँ जी भरकर ,
तुम्हारी बेरुखीकी ही ये इनायत है .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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