17 जून 2010

स्कुल चले हम

स्कुल की छड़ी तब ऐसी थी पड़ी

अब की घडी आये याद वो सुहानी घडी ,

चलो आज अकेले में बच्चे की बेग उठाकर देखे ,

उसकी किताबों में अपने बचपन को ढूंढकर देखे ....

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