15 जून 2010

ताबीर

कल ख्वाबमें आये थे आप

आज यूँ रूबरू आ गए

ताबीर की थी रातों को सपनोके झूले पर

आज यूँही प्यारी सी मुलाकात भी कर ली ....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...