17 नवंबर 2009

ख्वाबसा चेहरा

सुलगते दीपककी लौमें देखे चेहरेकी
मुस्कान नशीली सी महफ़िल रोशन कर गई .......
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ख़ामोशी खामोश हो जाती है ,
तनहाई जब बोलने लगती है .....
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अश्ककी भाषाने दिखाया हमें
आपके हाले दिल का अक्स ......

2 टिप्‍पणियां:

  1. ख़ामोशी खामोश हो जाती है ,
    तनहाई जब बोलने लगती है .....waah kya baat kahi,bahut khub

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  2. अश्ककी भाषाने दिखाया हमें
    आपके हाले दिल का अक्स ......
    waah! kya sundar bhaw hain.!!

    जवाब देंहटाएं

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