28 अगस्त 2009

असमंजस

आज दिल असमंजस में है तुम्हे चाहू या न चाहू ?

तुम्हे अपना मानु या ना मानु

दिल कहता है तुम पर इख्तियार कर लूँ ...

तुम मुझे चाहो या ना हो मैंने तुम्हे चाहकर देख लूँ ......

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मेरे हाथमें तुम्हारा हाथ होगा तो बेहतर होगा ,

ये दूरियां नजदीकी में तब्दील हो जाए तो बेहतर होगा

तुमसे बात चाहे न हो पाए बस नजर ही मिल जाए तो बेहतर होगा ,

हर सुबह तुम्हारे दीदार चाहे न हो तुम रात को ख्वाबमें आते रहो बेहतर होगा .........

2 टिप्‍पणियां:

  1. हर सुबह तुम्हारे दीदार चाहे न हो तुम रात को ख्वाबमें आते रहो बेहतर होगा .........
    waah,ye dil ki khwahishe bhi badi ajeeb hoti hai,hai na,sunder manobhav.

    जवाब देंहटाएं
  2. mere hath mai tumhara hath ho to bahtar hoga....kinta seedha or spasth kaha aapne ....pasand aayi aapki rachna....

    Jai HO Mangalmay ho

    जवाब देंहटाएं

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