सहरमें खिलती धूपसी तेरे चेहरेकी रंगत देखी
तो लगा अब मेरी जिंदगी की सुबह हुई .......
तुम्हारा वो शर्माकर नज़रें झुकाना फ़िर पलकोंको उठाना
देखा तो लगा अब मेरी जिंदगीमें रौशनी हुई ......
तुम्हारा वो हौले हौले से हंसना मेरी उस बात पर
सुना तो लगा जैसे मेरी जिंदगीमें बरसात हुई ..........
तुम्हारे ताज़ा धूले गेसुओंसे फैली कुछ खुशबू फिजाओंमें
मुझे लगा अबके जिंदगी की पहेली बसंत बहार बनकर आई ......
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