एक छोटा सा सफा
एक बारीक़सी दवातकी नोंक ,
कुछेक बूंद स्याहीके......
जब स्याही दवातको भीगोकार
कोरे सफे पर थिरक जाती है
तब एक शब्दको जनम दे जाती है ...
जिसकी गहराई अनंत
जिंदगीके हर रंगकी हुबहू जिन्दा एक तस्वीरसी .....
एक पल एक जज्बात
जब एक शब्दमें हुए कैद ...
चुरा लेते है दिल
नम करते है आंखोंको
हंसा देते है भीगे लबोंको भी .......
एक हया ,एक अश्क ,एक मुस्कान
न जाने क्या क्या छुपा है इसकी चिलमनमें ????
ढूँढनेके लिए एक जिंदगी कम पड़ जाती है
शब्द खो देते है पहचान किसीकी
कभी शब्दसे किसीकी पहचान बन जाती है ............
waah..........bahut khoob.
जवाब देंहटाएंbadi gahri baat likh di aapne .bahut badhiya.
sundar ..
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