आयनेके बाजूमें एक खुली हुई खिड़की है ,
जहाँ से कभी सर्द कभी गर्म हवाएं मुडी है ....
एक नजर जी भरके देख लिया आकाशके परिंदेको ,
मन भी उड़ चला और देखो मेरा चेहरा खुश हो चला ......
ख़ुशी को पा लिया लम्हे भर के लिए सही ,
दिलकी ख़ुशी होठों पर झाँखने लगी .......
आयनामें खड़ी वो मेरी परछाई भी ,
तहे दिल से मुस्कुराने लगी ....
आत्म विश्लेषण बहुत आवश्यक, सही बात
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