नकाब ओढे आती है जिंदगी ,
छूने जाते हैं तो रेत सी फिसल जाती है जिंदगी ...
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सूखे दरख्तों पर फूल कहाँ ?
गमगिनसे माहौलमें पनपेगी जिंदगी कहाँ ?
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कानोंमें पूछती है क्यों तू हरदम मुझे सवाल ?
पढ़ ले किस्मत आज इन सफों पर मेरे जवाब ......
bahut khoobsoorat..........
जवाब देंहटाएंnaqaab odhe aati hai zindagi
choone jate hain to ret si fisal jati hai zindagi
sahi kaha zindagi ka falsafa