18 जनवरी 2009

अहेसां समज लिया ........




अगर इस पलको इक इजाजत है,
कह सको तो ये इक शरारत भी है,
हो गया है इश्क हमें आपसे तो ये एक कयामत है,
खुदा ही जब कहता है,ये इश्क तो एक इबादत है.......

========================================

दर्दे गमकी दवा ढूंढते रहे दुनियाकी दुकानमें,
जब गुजरते वक्तके साथ दर्द नासूर बनता चला,
वह दर्द ही था जो हमारे जीनेकी वजह बन गया,
और वही दर्द था जो हमारे दिलकी दवा बन गया.............................
===============================================
आपके दिये हर जख्मको तोहफा समज कूबुल कर लिया,
जब की आपने बेवफाई तो उसे भी आपका दिया ईनाम समज लिया,
सच तो है ये कि एहसास हर वक्त बस आपकी खुशीका ही रहा,
हर गम जो दिये आपने उसे हम पर आपने किया अहेसां समज लिया.....................
================================================

2 टिप्‍पणियां:

  1. हो गया है इश्क हमें आपसे तो ये एक कयामत है,
    खुदा ही जब कहता है,ये इश्क तो एक इबादत है.......

    -बढिया!!

    जवाब देंहटाएं

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...