6 मई 2010

सपने ....

आतिश और उर्जा !!!!

बचपनसे आज तक खेले ,पले और पढ़े साथ साथ ...

बहुत अच्छे दोस्त थे दोनों ...बस कल शाम आतिश के पापा का तबादला दिल्ही हो गया ...बस एक हफ्तेमें वो लोग जानेवाले है ...वो शाम आतिश और उर्जा के लिए बहुत ज्यादा भारीपनसे गुजरी ...दोनोंने मुश्किलसे ही कुछ बात की होगी ...अभी दो दिन पहले ही आतिश और उर्जाने अपने सपने को एक दुसरेसे बांटा था ...आतिश एम् बी ए करके एक अच्छी नौकरी करना चाहता था ...और उर्जा एयर फ़ोर्समें पायलोट बनकर आकाश छूना चाहती थी ...

आज की शाम उन्हें महसूस हुआ पहली बार की दोनोने एक दुसरेके बगैर जीना पड़ेगा ये कभी सोचा ही नहीं था ...हाँ ,दोनों प्यार में तो बिलकुल नहीं थे बस अच्छे दोस्त थे पर आज पहली बार लगा की ये दोस्ती कुछ एक कदम आगे पहुँच रही थी ....

खैर वक्त ने वक्त का काम कर ही दिया ...आतिश दिल्ही चला गया ..और उर्जा मुंबईमें अकेली रह गयी .......

आतिशके मम्मी पापा उसे शादी के लिए जोर दे रहे है पर वो मान ही नहीं रहा है ...पता नहीं क्यों पर जिसकी कोई खैर खबर नहीं उस दोस्त की याद उसे खूब सता रही है ...उर्जा और आतिश दोनोने अपनी दोस्ती के सारे पल अलग होकर भी खूब जी लिए है ....और यही बात आतिशके दिल में एक अरमान जगा रही थी की एक बार सिर्फ एक बात उर्जा की खबर मिल जाए ....

मा बाप के जोर देने पर एक दिन आतिश हैदराबाद जाकर उनके दोस्तके बेटी के साथ रिश्ते के लिए तैयार हुआ ..पहले देखने के लिए वे तीनो गए ...सब कुछ पसंद आ गया ....अगले महीने सगाई और दीवाली के बाद शादी तय हो गयी ...शाम हैदराबाद एयरपोर्ट पर एक लड़की को देख आतिश चौंका ..हाँ आपका अंदाज़ ठीक है वो उर्जा ही थी ...एक एक्जेक्युटिवके गेट अपमें बिलकुल अलग ,बहुत स्मार्ट लग रही थी ...आतिश उसके सामने जाकर खड़ा हो गया ...एक मेगेजिन पढ़ रही उर्जा ने नज़र उठाकर ऊपर देखा ...बचपन का दोस्त था पर डील डौल काफी बदल गया था ...क्लीन शेव चेहरा ,एक रूआबदार युवक आतिश को दो पल तो वो पहचान ही नहीं पाई .....

फिर खड़े होकर बड़ी शिद्दतसे गले मिले ....आतिश उसे अपने मम्मी पापा के पास ले गया ....सब खुश हो गए ...उर्जा ने आतिश को बधाई दी ....

पर दोनोंने जब अपने कारोबारके बारेमें बताया तो दोनों ही चौंके ...उर्जा एम् बी ए करके आज एक बड़ी इंटरनेशनल कंपनी में सी इ ओ है ...और आतिश एयरफ़ोर्समें फ्लाईट इन्जिनेअर है ...दोनोने सपने बदल दिए थे एक आशा में की दोनों शायद इस राहसे मिल जायेंगे ....

उर्जा के घर का फोन नंबर और पता आतिश ने लिख लिया ...उर्जा की फ्लाईट अनाउंस हो गई और वो चली गई ....पंद्रह मिनट के बाद एनाउंस हुआ ..की मुंबई जाने वाली फ्लाईट उड़ान के तुरंत बाद क्रेश हो गयी है ...आतिश और उसके मा बापने तुरंत अपने टिकट केंसल करवा कर उर्जा को ढूँढने पहुंचे ...उसको हॉस्पिटलमें भर्ती करवाया ...उसे हाथमें फ्रेक्चर हुआ था और पैरमे मोच आ गयी थी ...चेहरे पर चार पॉँच स्टिच थे ...पर एक महीने में वो बिलकुल ठीक हो जायेगी ऐसे डॉक्टरने बताया ...अब आतिशने उर्जा के मा बाप को मुंबई फोन किया और अगले पॉँच घंटेमें वो भी उधर पहुँच गए ...

उर्जा को अभी तक होश नहीं आया था ...डॉक्टर का कहना था की बारह घंटे तक होश आ जायेगा ॥

जब उर्जा को होश आया तो आतिशको सामने पाकर उसे ताज्जुब हुआ ...आतिशने बड़े प्यार से उसका हाथ थाम लिया ...उस स्पर्शमें दोनोंके मा बापने प्यार का इकरार पढ़ लिया और इशारों इशारोंमें कुछ तय भी कर लिया ...दोनोके सपने पले थे ...बढे थे ....और एक दुसरे की तलाशमें एक दुसरेमे जाकर पुरे भी हुए थे ...उर्जामें एक आतिश था और आतिशमें एक उर्जा थी .....

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