28 सितंबर 2009

बस यूँही ...

अक्ससे हाथ मिलाने जाते है ,

आयना हमें छू जाता है ....

========================

जर्रा एक जमीं का उडान भर रहा है ,

आसमान को भर रहा है ……

हाथ बढ़ा कर छू लेने को दिल करा ,

और हवा के पंख लगा कर उड़ जाता है ....

2 टिप्‍पणियां:

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...